सीता राम जी की आरती उतारूं हे सखी लिरिक्स

उतारूं हे सखी,
उतारूं हे सखी,
सीता राम जी की आरती,
उतारूं हे सखी।।



केकर राम बबुआ,

केकर बबुआ लक्ष्मण,
केकर भरत भुवाल हे सखी,
सीताराम जी की आरती,
उतारूं हे सखी।।



कौशल्या के राम बबुआ,

सुमित्रा के लक्ष्मण,
कैकयी के भरत भुवाल हे सखी,
चारो भईयन की आरती,
उतारूं हे सखी।।



कौन रंग राम बबुआ,

कौन रंग लक्ष्मण,
कौन रंग भरत भुवाल हे सखी,
सीताराम जी की आरती,
उतारूं हे सखी।।



श्याम रंग राम बबुआ,

गोरे रंग लक्ष्मण,
पीत रंग भरत भुवाल हे सखी,
सीताराम जी की आरती,
उतारूं हे सखी।।



सोने की थरिया में,

घी बाती बारि के,
आरती उतारूं सखी,
दशरथ के लाल के,
भरि भरि अंजुरी से,
मोतिया लुटाय के,
आरती उतारूं सखी,
दशरथ के लाल के।।



उतारूं हे सखी,

उतारूं हे सखी,
सीता राम जी की आरती,
उतारूं हे सखी।।

गायक / प्रेषक – शुभम शास्त्री।
8081654490


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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