जब से मिला है श्याम सहारा,
मौज हो रही है,
कभी कबार नहीं है ये तो,
रोज हो रही है,
श्याम नाम की हुई बावरी,
अब तो दुनिया सारी तो,
कर लो श्याम से यारी,
बना लो रिश्तेदारी।।
झूठी है यह दुनियादारी,
झूठे सारे नाते हैं,
अपना-अपना काम बनाने,
झूठे रिश्ते निभाते हैं,
श्याम से रिश्ता जोड़ के देखो,
भक्तों अब की बारी,
तो करलो श्याम से यारी,
बना लो रिश्तेदारी।।
(चलो रे सब मिलकर खाटू धाम,
जहां पर बैठे बाबा श्याम,
मिटाने संकट सारे,
काटने कष्ट हमारे,
काटने कष्ट हमारे,
कर रहे वारे न्यारे)
जैसे चंदा है तारों की,
झिलमिल में,
वैसे बाबा तू है,
भक्तों के दिल में,
चंदा बनकर रोशन की है,
ये रातें अंधियारी,
तो करलो श्याम से यारी,
बना लो रिश्तेदारी।।
तेरे द्वारे बैठ के बाबा,
नाम लिया करते हैं,
तेरा नाम लिया करते हैं,
तेरे भरोसे अब तो सारे,
काम किया करते हैं,
सब काम किया करते है,
‘लव कुश’ चाहे श्याम शरण में,
बीते उमरिया सारी,
तो करलो श्याम से यारी,
बना लो रिश्तेदारी।।
जब से मिला है श्याम सहारा,
मौज हो रही है,
कभी कबार नहीं है ये तो,
रोज हो रही है,
श्याम नाम की हुई बावरी,
अब तो दुनिया सारी तो,
कर लो श्याम से यारी,
बना लो रिश्तेदारी।।
गायक – लव कुश बन्धु।
9001246065