शीश के दानी तेरी,
लीला है न्यारी,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
बलिहारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम।।
तु श्याम श्याम गुण गाऐ जा,
श्याम की रटन लगाऐ जा।
फागण को लागे मेलों भारी,
फागण को लागे मेलों भारी,
थारे आवे भगत अपार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम।।
तु श्याम श्याम गुण गाऐ जा,
श्याम की रटन लगाऐ जा।
खाटू का थे नाथ सांवरा,
हारे का हैं तु सहारा,
सारी दुनिया में गुंजे तेरो नाम,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम।।
शीश के दानी तेरी,
लीला है न्यारी,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम,
बलिहारी जाऊं खाटु श्याम,
थारी जय हो लखदातार,
मैं वारी जाऊं खाटु श्याम।।
गायक / प्रेषक – उमेश मुलेवा।
6261240737