देखता ही बाबो म्हाने बाथि भरसी लिरिक्स

जाणे कितने दिन पाछे,
आज बाबो मिलसी,
म्हाने बाबो मिलसी,
देखता ही बाबो म्हाने,
बाथि भरसी।।



प्रेमियाँ सु प्रेम करनो,

बाबा को स्वभाव है,
टाबरिया ने देख आवतो,
बाबो भी हरसाव है,
बिन टाबरां के साँवरे के,
कईयां सरसी,
देखता ही बाबो म्हाणे,
बाथि भरसी।।



साँवरियो भी तो तरसे है,

टाबरिया के प्यार ने,
रोक ना पावे लेवण आवे,
यो मंदिर के बारने,
होसी धुँधलो नज़ारों,
म्हारी आँख्या झरसी,
देखता ही बाबो म्हाणे,
बाथि भरसी।।



माँगे है विदाई जद,

काळजै को टुकड़ो,
उतर सो जावे ‘माधव’,
बाप जी को मुखड़ों,
म्हाने पाछा जाता देख,
अणकी आँख्या भरसी,
थाम लेसी हाथ,
ओजु बांथी भरसी।।



जाणे कितने दिन पाछे,

आज बाबो मिलसी,
म्हाने बाबो मिलसी,
देखता ही बाबो म्हाने,
बाथि भरसी।।

Singer/Writer – Abhishek Sharma (Madhav)


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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