मेरे हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी।
श्लोक – पहले गणपति पूज के,
पाछे करिये काज,
विच सभा दे बेठियाँ,
मेरी पत रखियो महाराज।
मेरे हृदये करो परवेश जी,
हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को,
भक्तो के काटे हर दुःख को,
होवे पूजा देश विदेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
करते मूषक की है सवारी,
चरणे लगती है दुनिया सारी,
मोहे दर्शन दीजो हमेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
सिमरु तुझे सब दुःख मिट जावे,
दास सलीम तेरे गुण गावे,
तेरा पुरण है दरवेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
मेरे हृदये करो परवेश जी,
हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी।।
बहुत सुन्दर ??