वीणा वादिनी दुख हारिणि,
भव सिंधु से तू उबार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।bd।
तर्ज – किसी राह में।
करुणामयी ममतामयी,
पूजे तुझे सारा जहां,
मझधार में मैं पड़ा हूँ माँ,
तू ही बता जाऊं कहाँ,
आया हूँ तेरे दर पे मैं,
मेरे सारे काज संवार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।bd।
है अंधेरा चारो ओर माँ,
मुश्किल में है अब मेरी जान,
तू ज्ञान दीप जला दे माँ,
रोशन करो सारा जहां,
मुझपे दया की नज़र करो,
मुझको भी थोड़ा प्यार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।bd।
वीणा वादिनी दुख हारिणि,
भव सिंधु से तू उबार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।bd।
Singer – Dhiraj Kant