नाथ मैं थारो जी थारो भजन लिरिक्स

नाथ मैं थारो जी थारो,
नाथ मै थारो जी थारो,
चोखो बुरो कुटिल अरु कामी,
जो कुछ हूँ सो थारो।।



बिगड्यो हूँ तो थारो बिगड्यो,

थे ही म्हने सुधारो,
सुधर्‌यो तो प्रभु सुधर्‌यो थारो,
थासु कदे न न्यारो,
नाथ मै थारो जी थारो।।



बुरो बुरो मैं भोत बुरो हूँ,

आखर टाबर थारो,
बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ,
नाम बिगड़सी थारो,
नाथ मै थारो जी थारो।।



थारो हूँ थारो ही बाजूँ,

रहस्यूँ थारो थारो,
आँगलियाँ नुह परे न होवे,
या तो आप बिचारो,
नाथ मै थारो जी थारो।।



मेरी बात जाय तो जा‌ओ,

सोच नहीं कछु हारो,
मेरे बड़ो सोच यो लाग्यो,
बिरद लाजसी थारो,
नाथ मै थारो जी थारो।।



नाथ मैं थारो जी थारो,

नाथ मै थारो जी थारो,
चोखो बुरो कुटिल अरु कामी,
जो कुछ हूँ सो थारो।।

Singer – Maanya Arora


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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