लाल चुनरिया,
उडी उड़ी जाये अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
कारे कारे नैनन में,
कजरा लगाए,
गजरा सजाये माई केश में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलों गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
चमक रही माई,
माथे की बिंदिया,
चूड़ियाँ खनक रही हाथ में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलों गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
कमर में करधनिया,
पावों में पायल,
सोलह श्रृंगार करें रास में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलों गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
ओढ़ चुनरिया,
आई माँ भवानी,
सातों बहेनियां साथ में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलों गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
लाल चुनरिया,
उडी उड़ी जाये अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में,
भवानी अम्बे,
धीरे धीरे खेलो गरबे में।।
गायिका – शिवानी ब्रम्हे।
8770237330