मात पिता को पानी ना पूछे भंडारे करवाते है लिरिक्स

मात पिता को पानी ना पूछे,
भंडारे करवाते है,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।

तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगो से।



छोटे भाई का हक़ मारा,

बहन से भी अन्याय किया,
अपनी सुख सुविधा का लेकिन,
सबसे बड़ा उपाय किया,
भाई ही भाई के दुश्मन,
कैसे यहाँ बन जाते है,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।



जिसने जन्म दिया और पाला,

उंगली पकड़ के चलाया है,
छाया बनके चले साथ में,
धुप से जिसने बचाया है,
आज वही माँ बाप को अपने,
कैसे आँख दिखाते है,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।



रात रात भर जागी थी माँ,

जिस बेटे को सुलाने को,
भूखी रही भले माँ लेकिन,
दिया लाल को खाने को,
अपनी माँ को साथ में रखने,
में भी वो शरमाते है,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।



सपने देखे थे जो पिता ने,

सपने सारे टूट गए,
ब्याह कराते ही बेटे का,
रिश्ते नाते छुट गए,
बेटा अलग माँ बाप अलग,
ये कैसे रिश्ते नाते है,
Bhajan Diary Lyrics,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।



मात पिता को पानी ना पूछे,

भंडारे करवाते है,
भाई का हक़ मार के बैठे,
दानवीर कहलाते है।bd।

Singer – Satyendra Pathak


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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