विनती सुनो मेरी करुणाकर हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर

विनती सुनो मेरी करुणाकर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर।।



मीरा ने जैसे तुमको पाया,

प्याला ज़हर का अमृत बनाया,
वैसी ही कृपा तू हमपे कर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर।।



द्रोपदी की जैसे लाज बचाया,

प्रह्लाद को जैसे रूप दिखाया,
वैसे ही नरसिंह का रूप तू धर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर।।



गजराज का जैसे फंद छुड़ाया,

अर्जुन का जैसे मोह मिटाया,
वैसा ही रूप दिखादे गिरधर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर।।



विनती सुनो मेरी करुणाकर,

हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर,
हे श्याम सुंदर हे मुरलीधर।।

गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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