लख लख दिवला री ए आरती तेजाजी रे धाम लिरिक्स

लख लख दिवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम,
रमती जगती ए आरती आ,
खरनाल्या रे धाम।।



गढ़ खरनालया में धाम सोवणो,

धजा फरूखे आसमान,
ढोल नगाड़ा और शंख बाजे,
आरतीया रे माय,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



ऊंची मेङी ओ आप विराजो,

तेजा भालो भलके हाथ,
मूरत लागे सोवणी थारे,
भाला पर सोवे कालो नाग,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



हे लीलण री थारे ओ सोवे असवारी,

तेजाजी महाराज,
हेले हाजिर ओ होवजो तेजा,
सारो सब रा काज,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



दुर देशों रा ओ आवे जातरू,

लुल लुल शीश नमाय,
सब रा सकंट मेटजो तेजा,
सिर पर हाथ धराय,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



लाडू चाढू ओ चुरमा जी,

थारे गुङ री खीर चढाय,
भक्त चढ़ावे ओ भाव सूं तेजा,
भक्तों रा भरो भंडार,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



हरीराम जी ओ किंवाङा थारे,

चरणों में शीश नमाय,
जोगाराम प्रजापत ओ गाए सुणावे,
तेजा राखो चरण रे माय,
लख लख दीवला री ए आरती,
म्हारे तेजाजी रे धाम।।



लख लख दिवला री ए आरती,

म्हारे तेजाजी रे धाम,
रमती जगती ए आरती आ,
खरनाल्या रे धाम।।

गायक – जोगाराम जी प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर 9587984999


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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