कारोबार मेरो बालाजी चलावे,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे,
जिमे कदे भी घाटों आवे ना,
आवे ना,
कारोबार मेरो बालाजी चलावें,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे।।
तर्ज – तेरे होंठो के दो फूल प्यारे।
मैं तो कीर्तन में रम जाऊँ,
मेरी गद्दी पे बाबो विराजे,
मुझे चिंता फिकर है क्या की,
घोटे वालो है जद म्हारे सागे,
लेणे देणे को हिसाब,
राखे हाथा में ही आप,
मेरी रोकड़ियो रोज मिलावे जी,
मिलावे जी,
कारोबार मेरो बालाजी चलावें,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे।।
मेरे धंदे में लागत कुछ ना,
पर फिर भी है मुझको सवाई,
मैं बैठ्यो मौज उड़ाउँ,
करूँ राम नाम की कमाई,
मेरो साथी लखदातार,
मेरा भरया रहे भंडार,
मेरी विपदा में आड़ो आवे जी,
आवे जी,
कारोबार मेरो बालाजी चलावें,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे।।
अन्न धन लक्ष्मी को दाता,
मेरो बाबो सालासर वालो,
मैं ‘हर्ष’ भला क्या सोचूं,
मेरी बगिया को है यो रखवालो,
मेरे बाबा की के बात,
राखे सिर पर मेरे हाथ,
मेरा पग पग पे साथ निभावे जी,
निभावे जी,
कारोबार मेरो बालाजी चलावें,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे।।
कारोबार मेरो बालाजी चलावे,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे,
जिमे कदे भी घाटों आवे ना,
आवे ना,
कारोबार मेरो बालाजी चलावें,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे।।
गायक – कन्हैया मित्तल जी।
प्रेषक – नितिन माहेश्वरी।
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