हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी भजन लिरिक्स

हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी,
एक दिन पिंजरो पड़ जासी,
करणा वे सो करले रे प्राणी,
जंगल डेरा थारा होई जासी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।



फूलड़ा तोड़त वाड़ी बोली,

तू ही रे माली म्हारों संग साथी,
आछी आछी कलियाँ तोड़ ले माली भाई,
एक दिन म्हारे संग मुरझासी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।



धरती खोदत माटी बोली,

तू ही रे कुमार म्हारो संग साथी,
आछी आछी मटिया खोदले कुमार भाई,
एक दिन म्हारे माहे मिल जासी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।



लकड़ी काटत लकड़ी बोली,

तू ही रे खाती म्हारो संग साथी,
आछी आछी लकड़ी काटले खाती भाई,
एक दिन म्हारे संग जल जासी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।



कहत कबीर सुणो भाई साधो,

फेर इण संसारिया में कद आसी,
राम भजन से होवे निसतारो,
जिण से कट जावे जम फांसी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।



हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी,

एक दिन पिंजरो पड़ जासी,
करणा वे सो करले रे प्राणी,
जंगल डेरा थारा होई जासी,
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी।।

स्वर – संत श्री अमृतराम जी महाराज।
Upload by – Keshav


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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