राम वन को जायेंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे,
राम के दर्शन बिन हम तो,
जीना भी नहीं चाहेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
भूख तो लगेगी भैया,
भोजन कैसे पाओगे,
रामजी का दर्शन कर के,
दिल की भूख मिटायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
प्यास तो लगेगी भैया,
पानी कहाँ से लाओगे,
रामजी का दर्शन कर के,
दिल की प्यास बुझायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
नींद तो आयेगी भैया,
शय्या कहाँ से लाओगे,
राम जी का सुमिरन कर के,
सारी रात जगायेगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
डर तो लगेगा भैया,
कहाँ कहाँ भग जाओगे,
राम के चरणों को तज,
और कही नहीं जायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
राम वापस आयेंगे तो,
हम भी वापस आयेंगे,
अवधपुरी की गली गली में,
सीता राम गायेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
राम वन को जायेंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे,
राम के दर्शन बिन हम तो,
जीना भी नहीं चाहेंगे,
राम वन को जाएंगे तो,
हम भी संग में जायेंगे।।
स्वर – संत श्री अमृतराम जी महाराज।
प्रेषक – केशव।