सभी देव देते दुनिया में,
पल्ला झाड़ के,
मेरे बालाजी देते है भक्तो,
छप्पर फाड़ के।।
एक भक्त कुटिया मांगी,
दे दिया तुरंत मकान,
किसी ने मांगी दो रोटी तो,
खुलवा दी दुकान,
मेहंदीपुर में बैठा है ये तो,
झंडा गाड़ के,
मेरे बालाजी देते है भक्तो,
छप्पर फाड़ के।।
एक पते की बात बताऊँ,
धर्म पताका बंधवा लो,
बालाजी को खुश करके तुम,
अपने कारज करवा लो,
भूल कर जाओगे तुम,
इनसे बिगाड़ के,
मेरे बालाजी देते है भक्तो,
छप्पर फाड़ के।।
बात किसी से छुपी नहीं है,
सच्चा इनका द्वार है,
बल बुद्धि सुख सम्पति देते,
भर देते भंडार है,
भक्तो के दुःख हरते,
दोनों हाथ पसार के,
मेरे बालाजी देते है भक्तो,
छप्पर फाड़ के।।
सभी देव देते दुनिया में,
पल्ला झाड़ के,
मेरे बालाजी देते है भक्तो,
छप्पर फाड़ के।।
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बहुत बहुत बढ़िया है साहब