श्याम को दिल में बिठा ले,
निशान श्याम का बना ले,
बाबा को तू अपना ले,
प्यार तू इनका पा ले,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
निशान की महिमा को,
एक प्रेमी ही जाने,
जो प्रेम श्याम से करता,
वह जग को क्या जाने,
दुखों की दुनिया से,
बाबा हर पल छुड़ाता,
अपने चरणों में बाबा,
तेरी ही प्रीत लगवाता,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
निशान पर चढ़कर ही,
बाबा बजरंगी आए,
भक्तों को कलयुग से ही,
बाबा तूने बचाए,
एक बार कृपा जो तेरी,
बाबा हो जाती,
कभी ना खुशियां उसके,
घर से वापस जाती,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
दुनिया जिसको झुकाए,
बाबा उसे गले लगाए,
हारे को सभी डराए,
पर बाबा तू अपनाए,
जिस भाव से प्रेमी,
निशान को चढ़ाता,
प्रेमी के भाव को,
बाबा श्याम हमेशा निभाता,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
आलु सिंह जी ने बतलाई,
महिमा निशान की,
भक्तों ने भी निभाई,
गरिमा निशान की,
प्रेमियों के संग में,
‘रविन्द्र फौजी’ जाता,
महिमा श्री श्याम जी की,
अब प्रेमियों संग जाता,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
श्याम को दिल में बिठा ले,
निशान श्याम का बना ले,
बाबा को तू अपना ले,
प्यार तू इनका पा ले,
निशान श्याम का जो भी उठाते है,
हर पल बाबा उनके अंग संग रहते है।।
गायक / प्रेषक – रविन्द्र फौजी।
7006681165