पीनी है तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
मीरा ने पी तो,
कमाल हो गया,
प्याले विच श्याम का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
केवट ने पी तो,
कमाल हो गया,
नांव विच राम का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
शबरी ने पी तो,
कमाल हो गया,
बोरो विच राम का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
प्रहलाद ने पी तो,
कमाल हो गया,
खंभे विच नरसिंह का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
धुव्र जी ने पी तो,
कमाल हो गया,
छठे महीने हरि का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
द्रोपदी ने पी तो,
कमाल हो गया,
साड़ी विच श्याम का,
मिलन हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
हम सब ने पी तो,
कमाल हो गया,
भागवत में प्रभु का,
दीदार हो गया,
पीनी हैं तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
पीनी है तो प्याली,
हरि नाम वाली पी,
कौन तुझे रोकता है,
सुबह शाम पी।।
स्वर – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
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