छुम छुम बाजे पायलिया,
छवि दिखलाये कान्हा,
मेरे घर आये कान्हा,
मेरे घर आये,
छुम छुम बाजे पायलियाँ।।
रैन अंधेरी चन्द्रस्वरुपी,
आ गये आ गये,
माता यशोदा और हम सबको,
भा गये भा गये,
कांधे कारी कामरिया,
मुख मुलकाते आये,
मेरे घर आये कान्हा,
मेरे घर आये,
छुम छुम बाजे पायलियाँ।।
भाद्रपद आठम की रैन,
सुहावनी सुहावनी,
मंगल मंगल गावे सब,
गजदामिनी दामिनी,
झिरमिर बरसें मेहुरियां,
रंग उढा़ते कान्हा,
मेरे घर आये कान्हा,
मेरे घर आये,
छुम छुम बाजे पायलियाँ।।
सुनकर बंसी सखियाँ सुधबुध,
खो गई खो गई,
मैं तो मेरे सांवरिया की,
हो गई हो गई,
ऐसे प्यारे सांवरिया,
धूम मचाते आये,
मेरे घर आये कान्हा,
मेरे घर आये,
छुम छुम बाजे पायलियाँ।।
छुम छुम बाजे पायलिया,
छवि दिखलाये कान्हा,
मेरे घर आये कान्हा,
मेरे घर आये,
छुम छुम बाजे पायलियाँ।।
स्वर – संत श्री सुखराम जी महाराज।
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