म्हारी सीता रो वर राम लाडो फुटरो घणो लिरिक्स

म्हारी सीता रो वर राम,
लाडो फुटरो घणो,
फुटरो घणो रे बालो,
सोवणो घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



शील रो स्वभाव रो तो,

सूझलो घणो,
चांद सूरज भी लाजा मारे,
उजलो घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



मंद मुस्कन सू मुलके बालो,

मीठो ही घणो,
इन बनडा़ री बोली माही,
प्रेम है घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



कोमल कोमल अंग बन्ना को,

फूलिया सू घणो,
बीच सभा में धनवो तोड़यो,
शूरमो घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



छोटा मोटा सब प्राणिया रो,

प्यारो है घणो,
गावे चारों वेद जगत सू,
न्यारो है घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



एक बार ही देखया चित में,

चढ़ जावे घणो,
ऐसो कामणगारो बनडो़,
चोखो है घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।



म्हारी सीता रो वर राम,

लाडो फुटरो घणो,
फुटरो घणो रे बालो,
सोवणो घणो,
म्हारी सीता रों वर राम,
लाडो फुटरो घणो।।

स्वर – संत श्री सुखराम जी महाराज।
Upload By – Keshav


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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