पावन चरण तुम्हारे,
ओ मन मोहन चितचोर,
हमको भी पावन करदे,
ओ प्यारे नंद किशोर।।
तर्ज – सावन का महीना।
सारे जगत का तू रखवाला,
मुरली मनोहर ओ नंदलाला,
तब तो तेरी पूजा,
होती है चारो ओर,
हमको भी पवन करदे,
ओ प्यारे नंद किशोर।।
राजा हो या दीन भिखारी,
मिलती है सबको किरपा तुम्हारी,
एक भाव से देखे,
तू सबको नवल किशोर,
हमको भी पावन करदे,
ओ प्यारे नंद किशोर।।
दोष हमारे कान्हा चित न धरना,
मैं पतझड़ हूँ सावन करना,
‘राजेंद्र’ पे वर्षा दे,
तू किरपा माखन चोर,
हमको भी पावन करदे,
ओ प्यारे नंद किशोर।।
पावन चरण तुम्हारे,
ओ मन मोहन चितचोर,
हमको भी पावन करदे,
ओ प्यारे नंद किशोर।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340