आवरा थारी माया रो,
पायो नहीं पार,
चमत्कार थारो मानियो ऐ,
दयालु मारी माय।।
आवाजी री बालकी,
जन्मी या रे भाग,
केसर कुंवर लाडली,
कहलाई मां आज,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
सातो बींद आवीया,
आवोजी रे द्वार,
धरती में पल होइए,
जगदंबा मोरी माय,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
लुला थारे द्वार पे,
रोवे है दिन-रात,
पंगु पाव चलायो ऐ,
दयालु मारी माय,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
ढोल नगाड़ा बाजता,
जालर थारे द्वार,
भीड़ पड़े भक्ता री माता,
आवो थे बार,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
दूर-दूर रा जातरी,
करता जय जयकार,
थारी जोत जगाई ऐ,
जगदंबा थारे द्वार,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
‘धरम तवर’ री विनती,
सुणजे माता आज,
हेले मारे आइजीए ऐ,
जगदंबा मोटी माय,
आवरा थारी माया रों,
पायो नहीं पार।।
आवरा थारी माया रो,
पायो नहीं पार,
चमत्कार थारो मानियो ऐ,
दयालु मारी माय।।
गायक / लेखके – धर्मेंद्र तवर।
9829202569