मीरा थारो कई लागे गोपाल भजन,
श्लोक – मीरा ने सुण यूँ कहीं,
और सुण राणा म्हारी बात,
अरे साधु ही माई ने बाप है,
और मैं संतो के साथ।
राणो पूछे बाद मीरा थारो,
कई लागे गोपाल,
मीरा थारो,
कई लागे गोपाल।।
जहर को प्यालो राणा ने भेज्यो,
जहर को प्यालो राणा ने भेज्यो,
दीजो मीरा के हाथ,
कर चरणामृत मीरा पि गई रे,
वा की लाज राखेगा रघुनाथ,
मीरा थारो,
कई लागे गोपाल।।
राणो पूछे बाद मीरा थारो,
कई लागे गोपाल,
मीरा वो थारो,
कई लागे है गोपाल।।
साँप टिपारो राणा ने भेज्यो,
दीजो मीराबई के हाथ,
खोल टिपारो मीरा देखियो रे,
वा तो बण गयो नवसरयो हार,
मीरा थारो,
कई लागे गोपाल।।
राणो पूछे बाद मीरा थारो,
कई लागे गोपाल,
मीरा वो थारो,
कई लागे है गोपाल।।
बिच्छू टिपारो राणा ने भेज्यो,
दीजो मीराबई के हाथ,
खोल टिपारो मीरा देखियो रे,
वा तो बण गयो फूल गुलाब,
मीरा थारो,
कई लागे गोपाल।।
राणो पूछे बाद मीरा थारो,
कई लागे गोपाल,
मीरा वो थारो,
कई लागे है गोपाल।।
पग में घुंघरू बाँध के रे,
हाथ में ली एकतार,
मुख से बजावे मीरा बांसुरी रे,
वा तो गावे है कृष्ण गोपाल,
मीरा थारो,
कई लागे गोपाल।।
राणो पूछे बाद,
मीरा थारो कई लागे गोपाल,
मीरा वो थारो,
कई लागे है गोपाल।।