रतना रे जा ल्या सुगना ने कदे न आई वा त्योहारा ने

रतना रे जा ल्या सुगना ने,
कदे न आई वा त्योहारा ने।।



गांव न जाणु नाम न जाणु,

सुरत न जाणु सिरदारा री,
गांव पुंगलगढ नाम रतन सिंह,
सांवली सुरत सिरदारा री।।



घर मे घणा रे उटाऊ रतना,

कमी नही असवारा री,
दे विश्वास बेगो जासी,
ठा पडसी समाचारा री।।



नरमाई सु बात करिजे,

ध्यान राख हुंकारा री,
हुंडा कैसी तू रीस मत करीजे,
करसी रे बात गिवारा री।।



मत ना बदी उडाई जे रतना,

लाज है दो परीवारा री,
भीड पडे तो याद करीजे,
साई करा मे थारोडी।।



डाली हरजी भज्या रे अलख ने,

बात चले भवपारा री,
पन्नालाल प्रेमी गुण गावे,
बडी बात अवतारा री।।



रतना रे जा ल्या सुगना ने,

कदे न आई वा त्योहारा ने।।

गायक – रमेश प्रजापत टोंक।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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