म्हारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
मांगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
देखे – बन्नो मारो चारभुजा रो नाथ।
अरे रेवाने मने बंगलो दीजो,
फूल बगीचो साथ,
फूल तोड़कर हार बनाऊ,
पेरे दीनानाथ,
मारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
माँगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
अरे अन्न धन रा भंडार दीजे,
मन दीजे मने मोटो,
आया गया की करू चाकरी,
कदी न पड़सी टोटो,
मारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
माँगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
अरे पूत तो सपूत दीजे,
बहू दीजे मने शाणी,
अरे काली गोरी कछु ना जाणू,
दीजे तू गुणवानी,
मारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
माँगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
अरे हाथा मेहंदी पावा मेहंदी,
मेहंदी मांग भराय,
अरे केशरिया को राज दीजे,
बेंकुंठा में वास,
मारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
माँगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
अरे थारे शरणे आया बाबा,
सुनजो माकी बात,
थारा भजना माही लुळ लुळ नाचा,
नाचा सारी रात,
मारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
माँगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
म्हारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
मांगू जो तो सगळो दीजो,
जोडूं दोनो हाथ।।
गायक – नरेश प्रजापत।
प्रेषक – रोशन कुमावत।
दौलतपुरा – 8770943301
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