तू मेरा मोहन मोहन,
मैं तेरी जोगन हूँ रे,
नहीं तू तोड़ पायेगा,
प्रेम का बंधन हूँ रे।।
जो देखूं ना तुझे एक पल,
बड़ी तकलीफ होती है,
तुझे ही खोजती फिरती,
मेरी ये आँखे रोती है,
दरश देकरके हर लेता,
है सारी उलझन तू रे,
तु मेरा मोहन मोहन,
मैं तेरी जोगन हूँ रे,
नहीं तू तोड़ पायेगा,
प्रेम का बंधन हूँ रे।।
ना देखा मीरा को मैने,
वही हालत हमारी है,
जहन में घूमती रहती,
छवि प्यारी तुम्हारी है,
तरस खा आकर के बन जा,
हां दिल की धड़कन तू रे,
तु मेरा मोहन-मोहन,
मैं तेरी जोगन हूँ रे,
नहीं तू तोड़ पायेगा,
प्रेम का बंधन हूँ रे।।
बहाने छोड़कर सारे,
मुझे अपनी शरण दे दे,
बनु मैं तेरी बंसुरिया,
कोई ऐसा जनम दे दे,
मैं ‘लहरी’ बोल दू खुलकर,
मेरा मन भावन तू रे,
तु मेरा मोहन-मोहन,
मैं तेरी जोगन हूँ रे,
नहीं तू तोड़ पायेगा,
प्रेम का बंधन हूँ रे।।
तू मेरा मोहन मोहन,
मैं तेरी जोगन हूँ रे,
नहीं तू तोड़ पायेगा,
प्रेम का बंधन हूँ रे।।