कलजुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज,
ओ भेक री लाज,
प्रेम रा प्याला हेत कर पीवो,
गाफल व्हेला बारम्बार।।
रामदेव जी आगे डाली बाई सीधा,
रिणसी आगे खींवजी मेघवाल,
कांशी जाय वो तो करवत झेलिया,
दूधो भूटा अम्मी फुहार,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
त्रेता जुग में हरिचन्द सीधा,
सत सीधी तारादे नार,
असंग जुगा रा गुरु गोरख सीधा,
हर मिलिया धूणे पर आय,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
गढ़ मथुरा में गवा चराई सोरी,
चराई सूर्यादे गाय,
माथे मुकुट और मुख बाँसली,
तन मन पंखा ढोले हैं भाव,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
हाथ गेडियो पगा घूँघरा रमझम,
कँवर सजियो सिणगार,
हीरा हीरा माणका जड़ी ओ दड़कली,
नहीं झेले चुटिये री मार,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
बारह बारह कोस राज दैत रो,
सांझ पड़िया मानस भक खाय,
नीर न छोड़ियो नदी खाबड़े,
अब हिलियो दैत बावड़ी आय,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
उजड़ भोम बसाई अजमाल रा,
उत्पत किया सुरँगा बास,
देवसी जी अर्ज दुबली ओ दाखे,
हर लिख दो अमरापुर वास,
कलयुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज।।
कलजुग कमज्या थोरी अजमाल रा,
पत राखो भाने री लाज,
ओ भेक री लाज,
प्रेम रा प्याला हेत कर पीवो,
गाफल व्हेला बारम्बार।।
गायक – पूंजाराम पंवार।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052