काम क्रोध की ज्वाला,
है चारों ओर जले,
शीतल कर मन मेरा,
ओ माता शीतले।।
sheetal kar man mera o mata sheetale lyrics
तर्ज – सावन का महीना।
हाथ में झाड़ू लेकर,
जग को बताया,
गन्दगी का करना होगा,
हर पल सफाया,
सुचिता बिन ये जीवन,
एक पल भी ना चले,
शितल कर मन मेरा,
ओ माता शीतले।।
सांचे ह्रदय से जिसने,
जब भी पुकारा,
दौड़ी दौड़ी आई हो तुम,
दिया है सहारा,
नाम तेरा लेते ही,
सब संकट कष्ट टले,
शितल कर मन मेरा,
ओ माता शीतले।।
लाखो करोड़ो जन की,
विपदा है टाली,
तेरे दर पे आ के कोई,
जाए ना खाली,
सबकी अर्जी सुनती,
जो कहना है कहले,
Bhajan Diary Lyrics,
शितल कर मन मेरा,
ओ माता शीतले।।
काम क्रोध की ज्वाला,
है चारों ओर जले,
शीतल कर मन मेरा,
ओ माता शीतले।।
Singer – Manoj, Ajit