तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बगिया में माई आसन लागो,
आसन बैठो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग़ में तोरी झूला डरो है,
झूला झूलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग में भोजन थाल लगी है,
जीमो जीमो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग में तोरी दुखिया बैठे,
विनती सुनलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
‘राजेंद’ भेंट लये ठाड़े हैं,
भेंट लो जल्दी आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
गीतकार / गायक – राजेंद्र प्रसाद सोनी।