ओ जी ओ मिजाजी,
म्हारा सांवरिया,
थारी बाबा ओल्यू आवे,
बेगा आओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
थाने तो मनावा घणा चाव सु,
थे हंस हंस कंठ लगाओ,
ना तरसाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
ई दुनिया सु न्यारो थारो देवरो,
थे रतन सिंघासन बैठ्या,
हुकुम सुनाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
नैना माहि छलके थारो नेहड़ो,
थारा टाबरिया रा अटक्या,
काम बनाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
भूल्या थारा बालकिया ने नाही सरे,
थारी जादूगारी मुरली,
आज बजाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
भूल्योड़ा भटक्या ने थारो आसरो,
म्हारी नैया नाथ पुराणी,
पार लगाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
जागरणो ग्यारस की चांदनी रात को,
कोई बारस ने थे खीर चूरमो,
खाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
जिम्या पाछे थारा हाथ धुवायस्या,
कोई ल्यो दो बीड़ा मगही पान,
चबाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
‘शर्मा काशीराम’ थारो बालकीयो,
थारा कह्या कह्या हुकुम उठावे,
यूँ ही फरमाओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
ओ जी ओ मिजाजी,
म्हारा सांवरिया,
थारी बाबा ओल्यू आवे,
बेगा आओ जी सांवरा,
ओ जी ओ मिज़ाजी,
म्हारा सांवरिया।।
गायक – संजू शर्मा जी।