मेला श्याम धणी का आया,
दोहा – फाग का रंग चढ़ा है सबपे,
क्यों तू देर लगाए,
श्याम कुंभ में डुबकी लगा ले,
जनम सफल हो जाए।
ढोल नगाड़ा बाजण लागे,
धरती अम्बर नाचण लागे,
के खाटू जी में मची धमाल,
उड़े है रंग अबीर गुलाल,
के मेला श्याम धणी का आया,
के मेला श्याम धनि का आया।।
तर्ज – खई के पान बनारस वाला।
चलो खाटू नगरिया,
देवी देव भी सारे आये,
रींगस से खाटू,
देखो श्याम ध्वजा लहराए,
कोई पैदल चलकर आये,
कोई पेट पलानिया आये,
हाथों में ध्वजा उठाके,
कोई जय जयकार लगाए,
है नज़ारा ये है नज़ारा बड़ा ही कमाल,
मेला श्याम धनि का आया,
के मेला श्याम धनि का आया।।
बड़ी दूर दूर से,
श्याम भक्तों की आई टोली,
बन ठन के बैठा बाबा,
भक्तों से खेलन होली,
फागण की रुत है आई,
भक्तों में मस्ती छाई,
श्याम के रंग में रंगे हैं सारे,
सुध बुध है बिसराई,
हुए खुशियों से मालामाल,
मेला श्याम धनि का आया,
के मेला श्याम धनि का आया।।
जिसे श्याम संभाले,
उसके जीवन में दुःख ना आये,
इनकी दया से,
‘मोहित’ जीवन में खुशियां पाए,
संकट भी पल में काटे,
अन्न धन और लक्ष्मी बांटे,
साँसों की ज़रूरत होने पर भी,
श्याम कभी ना नाटे,
बाबा करता है सबको निहाल,
मेला श्याम धनि का आया,
के मेला श्याम धनि का आया।।
ढोल नगाड़ा बाजण लागे,
धरती अम्बर नाचण लागे,
के खाटू जी में मची धमाल,
उड़े है रंग अबीर गुलाल,
के मेला श्याम धनि का आया,
के मेला श्याम धनि का आया।।
Singer – Mayank Agarwal