नजर भर देख ले मुझको,
शरण में तेरी आया हूँ।।
कोई माता पिता बंधू,
सहायक है नहीं मेरा,
सहायक है नहीं मेरा,
काम और क्रोध दुश्मन से,
बहुत दिन से सताया हूँ,
नज़र भर देख ले मुझको,
शरण में तेरी आया हूँ।।
भुला कर याद को तेरी,
पड़ा दुनिया के लालच में,
पड़ा दुनिया के लालच में,
माया के जाल में चारो,
तरफ से मैं फसाया हूँ,
नज़र भर देख ले मुझको,
शरण में तेरी आया हूँ।।
कर्म सब नीच है मेरे,
तुम्हारा नाम है पावन,
तुम्हारा नाम है पावन,
तार संसार सागर से,
गहन जल में डुबाया हूँ,
नज़र भर देख ले मुझको,
शरण में तेरी आया हूँ।।
छुड़ाकर जन्म बंधन से,
चरण में राख ले अपने,
चरण में राख ले अपने,
वो ब्रम्हानंद मैं मन में,
यही आशा लगाया हूँ,
नज़र भर देख ले मुझको,
शरण में तेरी आया हूँ।।