जरा सोच समझ अभिमानी,
चदरिया पुरानी हो गयी,
क्यों विशियन में लपटानी,
चदरिया पुरानी हो गयी।।
काशी पूजे मथुरा पूजे,
मात पिता को कोई न पूजे,
है जिनकी खरी ये निशानी,
चदरिया पुरानी हो गयी,
क्यों विशियन में लपटानी,
चदरिया पुरानी हो गयी।।
मात पिता की बात न बुझे,
जोरू कहे जो सच पतियाये,
है कलयुग की सही ये निशानी,
चदरिया पुरानी हो गयी,
क्यों विशियन में लपटानी,
चदरिया पुरानी हो गयी।।
हिन्दू हो के बकड़ा काटे,
आप ही काटे आप ही खाये,
और दोष दिए महरानी,
चदरिया पुरानी हो गयी,
क्यों विशियन में लपटानी,
चदरिया पुरानी हो गयी।।
जरा सोच समझ अभिमानी,
चदरिया पुरानी हो गयी,
क्यों विशियन में लपटानी,
चदरिया पुरानी हो गयी।।
Singer – Rupesh kumar
Lyrics – Fanibhushan choudhary
7004825278