पीर जी मिल जावे देऊ ओलबो भजन लिरिक्स

पीर जी मिल जावे देऊ ओलबो,
हे रामदे मिल जावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।



केसर कंकू ने काली क्यों रे किदी,

क्यो किदो हल्दी में रंग म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।



एकलो तो क्यों किदो वन में रूकडो,

क्यो किदो गाया रो ग्वाल,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।



जन्मता बालु की माता क्यों रे मरे,

क्यो किदी बालुकी न,
पीर जी मिलजावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।



बाणिया दल जी कहिजै विनती,

साधुडा रा अमरापुर में वास,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।



पीर जी मिल जावे देऊ ओलबो,

हे रामदे मिल जावे देऊ ओलबो,
देऊला में हाथोई हाथ म्हारा राम,
रामदे मिल जावे देऊ ओलबो।।

गायक / प्रेषक – प्रहलाद राय गाडरी।
9680411884


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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