ओ जी मोटा देवता शनि महाराजा,
आया धरती पर।।
धरती ने लागा आसमान ने लागा,
लागा नो लख तारा,
चाँद सूरज ने ऐसा लागा,
भारी ग्रहण कर डारा रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
राजा ने लागा प्रजा ने लागा,
लागा दुनिया सारी,
हरिश्चन्द्र ने ऐसा लागा,
भरा नीच गर पानी रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
राम ने लाग लक्ष्मण ने लागो,
भरत सत्रुहन भाई रे,
माता सिया ने ऐसा लागा,
वन में विपदा डारि रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
रावण लाग अहिरावण लागो,
लागों लंका सारी रे,
मेघनाद ने एसो लागो,
टुक टुक कर डारा रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
नदिया लाग नाला ने लागो,
लागों सरवर सारा रे,
रत्नसागर ने ऐसो लागो,
नीर खारा कर डारा रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
रूनी ने लाग मुनि ने लागो,
लागों दूदा दारा रे,
विश्कर्मा ने ऐसो लागो,
जो पावा पड़सी थारै रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
शनिदेव की लावणी मैं,
गाइ सभा के बीच रे,
गाया जो तो गंगा नाया,
सुण्या सदा सुख पाया रे,
शनि महाराजा आया धरती पे।।
ओ जी मोटा देवता शनि महाराजा,
आया धरती पर।।
गायक – रामप्रसाद वैष्णव पिथास।
प्रेषक – चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693