आओ माँ के द्वार हंसते हंसते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते,
क्यों भटको हर बार तुम यूं रस्ते रस्ते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते।।
तर्ज – पायल की झंकार रस्ते रस्ते।
नंगे पैरों चलके अकबर तेरे दर आया,
सर पे तेरे मां सोने का छत्र चढ़ाया,
मां ने कहा सुनो गुणवान,
हमने दिया तुम्हें वरदान,
जाओ होगी एक संतान हंसते-हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।
मैं भी दर पे आया तेरे मेरी मैया भोली,
अपनी ममता से मेरी भी भर दो झोली,
मैं तो सेवक एक लाचार,
तूने सब का किया उद्धार,
मुझपे भी करो उपकार हंसते हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।
ऐसा होवे मैया तेरी ज्योति का प्रकाश,
ऐसा वर दो मैया होवे सबका विकास,
भक्तों की लगी है कतार,
तुम्हें पूजे सब संसार,
आनंद गाये हर बार हंसते-हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।
आओ माँ के द्वार हंसते हंसते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते,
क्यों भटको हर बार तुम यूं रस्ते रस्ते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते।।
गायक व लेखक – आनन्द राज बर्मन।
संपर्क सूत्र – 6396273131