मैया जी सुन लो पुकार,
तुम्हें आना होगा,
आज म्हारे जगराते में,
जगराते में,
मैया जी सुनलों पुकार।।
तर्ज – बदली से निकला है चांद।
तेरे दरस को तरसे निगाहें,
भगत निहारे माँ तेरी ही राहें,
लाएँ तो कैसे तुम्हें ढूंढ के लाएँ माँ,
ढूंढ के लाएँ,
मैया जी सुनलों पुकार।।
नोरंग शाह ने माँ तुमको मनाई,
भक्तों की तूने करी माँ सहाई,
जानी को दी थी तुमने कैद से रिहाई माँ,
कैद से रिहाई,
मैया जी सुनलों पुकार।।
पर्वत की चोटी पे तेरी माँ नगरिया,
कैसे मैं आऊँ तेरी कठिन है डगरिया,
कैसे ओढ़ाऊँ तुमको लाल चुनरिया माँ,
लाल चुनरिया,
हृदय में करो प्रकाश।।
मैया जी सुन लो पुकार,
तुम्हें आना होगा,
आज म्हारे जगराते में,
जगराते में,
मैया जी सुनलों पुकार।।
गायक व लेखक – आनन्द राज बर्मन।
संपर्क सूत्र – 6396273131