दरबार सजा तेरा न्यारा निरखत निरखत मैं हारा लिरिक्स

दरबार सजा तेरा न्यारा,
निरखत निरखत मैं हारा।।



सालासर थारो भवन विराजे,

झालर शंख नगाड़ा बाजे,
थारा सूरज सामी सा द्वारा,
निरखत निरखत मैं हारा।।



दूर देश से चल कर आवां,

नाचां गावां थाने रिझावन,
थे हो भक्तां का पालनहारा,
निरखत निरखत मैं हारा।।



चैत सुदी पूनम को मेलो,

भक्तां को लागो है रेलों,
थारे नाम का गूंजे जयकारा,
निरखत निरखत मैं हारा।।



माँ अंजनी का लाल कहावो,

राम की महिमा हर दम गावो,
म्हारी नैया करयो भव पारा,
निरखत निरखत मैं हारा।।



दरबार सजा तेरा न्यारा,

निरखत निरखत मैं हारा।।

Singer – Pragya Sharma


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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