आवो आवो सा गुरु दीन दयाल थाने आया शुभ की घड़ी

आवो आवो सा गुरु दीन दयाल,
थाने आया शुभ की घड़ी।।



आत्म तत्व अति गूढ़ बतायो,

गावे वेद पुराण,
गीता भागवत और रामायण,
सब ही लीन्हा छाण,
पायो पायो जी मैं,
शरणागत में आय,
थाने आया शुभ की घड़ी।।



अण्डज और जरायुज,

उदभिज पाई जीवा जूण,
भरम-भरम के बहु दुःख पायो,
भूल गयो वह मूल,
जासे उतपत्ति,
परलय नित होय,
थाने आया शुभ की घड़ी।।



ना मैं मरूँ नहीं मैं जन्मु,

नहीं हो आवा गोन,
श्यामसुन्दर ने गीता माहीं,
प्रकट दिखायो रूप,
वही झिल मिल ज्योति अनूप,
थाने आया शुभ की घड़ी।।



भैरूराम गुरु कृपा से,

दरस्या चेतन नूर,
‘कमला’ निज अनुभव कर देख्या,
पाया सहज स्वरूप,
जा के आश्रित पिण्ड स्थूल,
थाने आया शुभ की घड़ी।।



आवो आवो सा गुरु दीन दयाल,

थाने आया शुभ की घड़ी।।

गायक / प्रेषक – सांवरिया निवाई।
मो.7014827014


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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