ओ मन बड़ो जबर रेे संता भजन लिरिक्स

ओ मन बड़ो जबर रेे संता,
जिनके काम पड़े इन मन से,
वाको पूरी खबर रे संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।



ओ मन मारो उड़ आकाशा,

बिना फाख बिना पर र संता,
लाख कोस की सूरत लगावे,
सांधे पाल अधर र संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।



ओ मन मारो माया संग डोले,

फीरथो फिर घर घर र संता,
सो वर्षा को नियम लगावे,
पथो नी चले पल र संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।



सब दुनिया न नाच नचाव,

सब के गाली तर र,
ज्ञानीध्यानी मिल पकड़ पचाटियो,
कर दिनू सिधो सर र संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।



मन न मार सूरथा न डा टे,

वहीं पूरा फखद र संता,
केव कबीर सुनो भाई साधो,
पवोला निज घर र संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।



ओ मन बड़ो जबर रेे संता,

जिनके काम पड़े इन मन से,
वाको पूरी खबर रे संता,
ओ मन बड़ों जबर रे।।

गायक – सुखदेव जी महाराज कुचेरा।
प्रेषक – महेंद्र परिहार देवला।
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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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