अब तो मान जा रे डाकू,
दोहा – दारू मे दूर मति गणी,
जिने कूता पीवे नही,
काग जो कोई मानव,
दारु पीवे तो सीधो नरक मे जाए।
अब तो मान जा रे डाकू,
तूने दारू क्यों पीदी।।
रुपया लेकर बाजार जावे,
दुकान गया रे ठेका पर,
पाव अदू से काम नहीं चले,
बोतल मंगाई रे आकी,
अब तो मान जा रे डाकु,
तूने दारू क्यों पीदी।।
पी दारू ने नशा में हो गया,
सुध बुध भूल गयो सारी,
घर का छोरा छोरी भूकारे रोवे,
घरे बुलावे नारी,
अब तो मान जा रे डाकु,
तूने दारू क्यों पीदी।।
कटे अंगडक्या कटे पगड़क्या,
कटे पागड़ी नाकि,
मुंडा रे ऊपर कुत्ता रे मुतै,
कर कर ऊंची टांगी,
अब तो मान जा रे डाकु,
तूने दारू क्यों पीदी।।
केवे हरिलाल गुरुजी रे सरणे,
एब केवे हासी,
अब तो मान जा रे डाकु,
तूने दारू क्यों पीदी।।
अब तो मान जा रे डाकु,
तूने दारू क्यों पीदी।।
Singer – Uday lal
Hari om musical group
7727801279