मन मस्त हुआ फिर क्या बोले कबीर भजन लिरिक्स

मन मस्त हुआ,
फिर क्या बोले,
मन मगन हुआ,
फिर क्या बोले।।



हीरा पाया बांध गठड़ीया,

बार बार वाको मत खोले,
मनवा मस्त हुआ,
फिर क्या बोले।।



हंसा नहावे मान सरोवर,

ताल तलैया में क्यों नहावे,
मनवा मस्त हुआ,
फिर क्या बोले।।



हल्की थी जब चढ़ी तराजू,

पूरी भई तब क्या तोले,
मनवा मस्त हुआ,
फिर क्या बोले।।



सूरत कलाकण भई मतवारी,

मदवा पी गई आण तोले,
हल्की थी जब चढ़ी तराजू,
पूरी भई तब क्या तोले,
मनवा मस्त हुआ,
फिर क्या बोले।।



कहे कबीर सुनो भाई साधो,

है साहिब मिल गये तिल तोले,
हल्की थी जब चढ़ी तराजू,
पूरी भई तब क्या तोले,
मनवा मस्त हुआ,
फिर क्या बोले।।



मन मस्त हुआ,

फिर क्या बोले,
मनवा मगन हुआ,
फिर क्या बोले।।

गायक – कालूराम जी बामनिया।
प्रेषक – घनश्याम बागवान सिद्दीकगंज।
7879338198


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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