मेरी जो चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
तर्ज – सागर किनारे।
भले दूर मुझसे,
साईं का घर है,
रखता वो मुझ पर,
हरदम नज़र है,
मेरे तो घर का है,
वो ही रखवाला।
मेरी जों चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
कितना दयालु ये,
मुझको पता है,
मेरी माफ़ कर देता,
हर एक खता है,
माँ बाप जैसे उसने,
मुझको संभाला।
मेरी जों चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
जब भी सताता मुझे,
कोई भी गम है,
हो जाती जब मेरी,
आँखे ये नम है,
हाथ पकड़ कर दिया,
मुझको सहारा।
मेरी जों चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
कौन से पुण्यों का,
‘सोनू’ सिला है,
जो प्यार साईं का,
मुझको मिला है,
मालिक ये मेरा सारे,
जग से निराला।
Bhajan Diary Lyrics,
मेरी जों चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
मेरी जो चिंता,
है करने वाला,
शिरडी में बैठा है वो,
साईं शिरडी वाला।।
Singer – Raju Mehra Ji