नाथ ये वो ही है रघुनाथ जिसने मारा है बाली भजन लिरिक्स

नाथ ये वो ही है रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली।।

(रावण मंदोदरी संवाद)
ये भी देखें – जानकी जानकी मैं ना दूँ जानकी।



नदियां जिनकी नसों का जाल है,

पेड़ पौधे तन के बाल है,
काल के भी वो तो काल है,
काल के भी वो तो काल है,
सीता रात काली,
जिन्होंने मारा है बाली,
नाथ ये वो ही हैं रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली।।



वो है पर्वत आप है तिनका,

नाथ विरोध किया है जिनका,
जग जाने है तीर जिनका,
जग जाने है तीर जिनका,
जाए नहीं खाली,
जिन्होंने मारा है बाली,
नाथ ये वो ही हैं रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली।।



तन मन से सीता है पति की,

ताकत तुम ना जानो सती की,
हैरत है हे नाथ मति की,
हैरत है हे नाथ मति की,
आई कंगाली,
जिन्होंने मारा है बाली,
नाथ ये वो ही हैं रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली।।



‘चंदन’ रघुनन्दन का सहारा,

जड़ चेतन का वो ही गुजारा,
एक चमन है ये जग सारा,
एक चमन है ये जग सारा,
रघुवर है माली,
Bhajan Diary Lyrics,
जिन्होंने मारा है बाली,
नाथ ये वो ही हैं रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली।।



नाथ ये वो ही है रघुनाथ,

जिसने मारा है बाली।।

स्वर – चन्दन जी भारती।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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