कब रे मिलोगे राम मन बावरा पुकारे सुबहो शाम लिरिक्स

कब रे मिलोगे राम,
मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।



रात अंधेरी कछु,

सूझत नाहीं,
जियरा मोरा,
बस में नाहीं,
अब तो अंतर प्यास,
बुझा दो मेरे राम,
मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।



अखियां हरदम,

राह तकत हैं,
जिह्वा तुमरो,
नाम जपत है,
कौन गली ढूंढूं,
तुमको घनश्याम,
मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।



हियरा मोरा,

पल पल कांपत,
मन विह्वल,
तुमको पुकारत,
अब तो हो गयी मेरे,
जीवन की शाम,
मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।



इन नैनन यह,

बान परी है,
तेरा दरस चाहें,
हर घड़ी है,
विपदा से आन,
उबारो मेरे सुख धाम,
मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।



कब रे मिलोगे राम,

मन बावरा पुकारे,
सुबहो शाम,
कब रे मिलोगें राम।।

प्रेषक – तपोभूमि परमहंस योगाश्रम धाम।
भिवानी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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