आओ जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज,
बिगड़े सुधारो काज,
दंगल में आके आज,
आवो जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज।।
अंगिया पर चीर चटके,
गागरिये लप्पो लटके,
बिंदिया पर जैला चमके,
सोने का सिर पे ताज़,
आवो जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज।।
खंगा सु करती खपटा,
जुल्मीया रा बाजे झटका,
बेरया रा करती बटका,
गहरी पर गहरी गाज,
आवो जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज।।
हनुमत अगवाणी थारे,
काला गोरा है लारे,
निर्भय हु तोरे सहारे,
‘भैरव’ की रखियो लाज,
आवो जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज।।
आओ जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज,
बिगड़े सुधारो काज,
दंगल में आके आज,
आवो जोगणिया मैया,
बिगड़े सुधारो काज।।
गायक – पंडित मनीष गर्ग नेवरिया।
(चित्तौड़गढ़) 9928398452