आओ जी गणराज विनायक बैठो बेगा पाट ठाट तुम कर देना

आओ जी गणराज विनायक,
बैठो बेगा पाट,
ठाट तुम कर देना।।



सबसे प्रथम गवरी नंद मनाऊं,

कथा कीर्तन में नूत बुलाऊं,
आय सुधारो काज आज मैं,
जोहूं तिहारी बाट,
ठाट तुम कर देना।।



तुमहो अनंत आदि अनादी,

सब देवन में अगवाणी गादी,
विघ्न हटा रख लाज,
गाज कर दे दुश्मन दे डाट,
ठाट तुम कर देना।।



सृष्टि रची तब प्रथम पुजाया,

यादव पति ने आय मनाया,
देवन के सिरताज लूटियो,
रामा रस को हाट,
ठाट तुम कर देना।।



रिद्धि सिद्धि राण्यां के संघ सिधारो,

मूसे चढ़ दाता बेगा पधारो,
श्री ‘भैरव’ जोवे बाट,
खोल दो हृदय ज्ञान कपाट,
ठाट तुम कर देना।।



आओ जी गणराज विनायक,

बैठो बेगा पाट,
ठाट तुम कर देना।।

गायक – बद्री लाल जी गाडरी।
प्रेषक – चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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