भरने को खप्पर खून से,
बिखरा के काले बाल,
छमा छम नाचे कालका,
छमा छम नाचें कालका।।
किलकारी मारे जोर से,
किलकारी मारे जोर से,
कर गुस्से में नैना लाल,
छमा छम नाचें कालका।।
तलवार को लेकर हाथ में,
तलवार को लेकर हाथ में,
और रूप बना विकराल,
छमा छम नाचें कालका।।
लटका कर बाहर जीभ को,
लटका कर बाहर जीभ को,
सुन ढोल नगाड़ों की ताल,
छमा छम नाचें कालका।।
कहे राज अनाड़ी देखकर,
कहे राज अनाड़ी देखकर,
हुआ दुश्मन दल बेहाल,
छमा छम नाचें कालका।।
भरने को खप्पर खून से,
बिखरा के काले बाल,
छमा छम नाचे कालका,
छमा छम नाचें कालका।।
गायक / प्रेषक – सागर सांवरिया।
9211947046