सूरत बड़ी है प्यारी माँ की,
मूरत की क्या बात है,
सर पर सोहे मुकुट सुनहरा,
त्रिशूल चक्र भी हाथ है,
सज धज कर बैठी हो मैया,
अजब निराली ठाट है,
वाह वाह क्या बात है,
वाह वाह क्या बात है।।
छवि तुम्हारी ऐसी मैया,
दूजी कोई और नहीं,
तीन लोक तेरे जैसा,
दूजा माँ सिरमौर नहीं,
लाल लाल मेहंदी ज्वाला जी,
रची तुम्हारे हाथ है,
वाह वाह क्या बात है,
वाह वाह क्या बात है।।
हर एक रूप में प्यारी लगती,
सबका चित्त चुराती हो,
भक्त तुम्हारा भजन करे तो,
मन ही मन मुस्काती हो,
अंबर से होती है तुझपे,
फूलो की बरसात है,
वाह वाह क्या बात है,
वाह वाह क्या बात है।।
आज तुम्हारे इस दर्शन को,
सेवक तुम्हारे आये है,
चोखानी के तुमने ही तो,
बिगड़े काज बनाये है,
सिंघ सवारी करती मैया,
अजब निराली शान है,
वाह वाह क्या बात है,
वाह वाह क्या बात है।।
सूरत बड़ी है प्यारी माँ की,
मूरत की क्या बात है,
सर पर सोहे मुकुट सुनहरा,
त्रिशूल चक्र भी हाथ है,
सज धज कर बैठी हो मैया,
अजब निराली ठाट है,
वाह वाह क्या बात है,
वाह वाह क्या बात है।।