आये तुम्हरे द्वार हे गणराजा,
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा।।
माँ गौरा की आंख के तारे,
सब के बिगड़े काज सवारे,
सदियों से तेरी चली हुकूमत,
गिरी नहीं सरकार,
आये तुम्हरे द्वार हें गणराजा,
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा।।
करते तुम मूसा पे सवारी,
तुम्हरी लीला सबसे न्यारी,
देने वाले तुम हो दाता,
नैया लगा दो पार,
आये तुम्हरे द्वार हें गणराजा,
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा।।
तुम्हारे द्वारे आए सवाली,
भर दो भगवन झोली खाली,
तीन लोक के तुम हो स्वामी,
देवो के सरदार,
आये तुम्हरे द्वार हें गणराजा,
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा।।
आये तुम्हरे द्वार हे गणराजा,
सुन लो हमरी पुकार हे गणराजा।।
स्वर – शहनाज़ अख्तर।
प्रेषक – सुरेन्द्र पवार।
9893280180