ओ जी म्हारा नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे,
भगता के क्यों नही आयो रे,
संता के क्यों नही आयो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
धन्ना भगत की भगति पुरबली,
वा को खेत निपजायो रे,
बाया टुंबड़ा निपज्या मोती,
बिना बीज निपजायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
नामदेव कई नानो जी लागे,
वाको छपरो छायो रे,
मार मंदासो छावन लाग्यो,
लक्ष्मी बंध खिचायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
सेन भगत कई ससुरो जी लागे,
वाको कारज सारयो रे,
लेर रसोनि नाइ बणग्यो,
नृप को शीस सवारियों रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
कबीर कई थारे काको लागे,
वा गर बालद लायो रे,
खांड खोपरा गिरी छुहारा,
आप लदावंन लायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
मीरा कई थारे मासी लागे,
वाका दुखड़ा टालया रे,
रानो जी विष का प्याला भेज्या,
विष अमृत बनायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
भीलन कई थारे भुवा लागे,
वाको जुठो खायो रे,
उच नीच की काण न मानी,
रुच रुच भोग लगायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
कर्मा कई थारे काकी लागे,
वाको खीचड़ खायो रे,
धबलिया रो पर्दो कीन्हो,
रुच रुच भोग लगायो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
पेली तो थे आता कान्हा,
फिर फिर करता काम रे,
नानी बाई को मायरो भरता,
गर का लागे दाम रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
कहे नर्सिलो सुनो जी सावरिया,
आनो व्हे तो आओ रे,
ब्याई सागा में भुंडा लागा,
यू कई लाज गमावो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
टेर सुनी नरसी की कान्हो,
राधा रूखमण लायो रे,
भोला भगत की लाज बचबा ने,
दौड़ दौड़ यो आयो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
ओ जी म्हारा नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे,
भगता के क्यों नही आयो रे,
संता के क्यों नही आयो रे,
ओ जी म्हारां नटवर नागरिया,
भगता के क्यों नही आयो रे।।
गायक – भैरव शंकर महाराज जोरावरपुरा।
प्रेषक – भैरु शंकर शर्मा।
चारभुजा साउंड सिस्टम जोरावरपुरा।
संपर्क – 9460405693